सोमवार, 14 जनवरी 2013

सच का सच - दिनेश भट्ट



जीना - अमितेष


फिर कब आएँगे- नईम


द्वार देहरी घर सजाएँ- सुवर्णा दीक्षित


धूप धूप गाने के दिन- हरीश निगम


ज्योति गीत- श्रीकृष्ण शर्मा


कहो सुदामा- डॉ. अजय पाठक


नदी की धार सी संवेदनाएँ- रोहित रुसिया


रिश्ते नाते प्रीत के- मनोज जैन मधुर


शहरों से गाँव गए- गुलाब सिंह


हरसिंगार झरे- डॉ. जगदीश व्योम


दिन कितने आवारा थे- पूर्णिमा वर्मन